पश्चिम चम्पारण मे सेविका का वेतन चालू करने के नाम पर पर्यवेक्षिका रेणु देवी के पति राजेश गुप्ता द्वारा 13500/- रूपया रिश्वत लेते हुए निगरानी टीम ने किया गिरफ्तार किया गया परन्तु क्या यह रकम आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका द्वारा स्वयं ली जा रहीं थी या इस कृत्य मे CDPO भी शामिल थीं यह जाँच का विषय है । क्या पर्यवेक्षिका के पति या कहें दलाल ही चलाते हैं विभाग या CDPO जैसे बड़े अधिकारी ही ऐसे दलालों के साथ मिलकर देते है घूसखोरी को अंजाम?? हालांकि उच्चाधिकारियों से संपर्क होने पर ही वास्तविक स्थिति का पता चलेगा