जिले मे भ्रष्टाचार है परन्तु जिले के बड़े और ईमानदार अधिकारियों को दिखाई नहीं देता की इस कड़ी मे
(पिछली कहानी के लिये इस लिंक पर क्लिक करे https://emjknews.in/3359/ )हम आपको बतायेंगे की कैसे स्मार्ट क्लासरूम और उन्नयन योजना से जिले की शिक्षा व्यवस्था को नए रूप देने वाले जिलाधिकारी महोदय की नजरों के पीछे सरकारी विद्यालयों में क्या खेल खेला जाता है
भ्रष्टाचार के इस अंक में हम आपको बताएंगे बेतिया शहर के मध्य स्थित कन्या विद्यालय जो कविवार नेपाली पथ पर स्थित है कैसे इस विद्यालय के शिक्षक और प्रधानाध्यापिका द्वारा विद्यालय को व्यापारियों को गोदाम के रूप में प्रयोग करने के लिए दिया जाता है सबसे बड़ी बात यह है कि इस विद्यालय मे बैठने के लिये बेंच को भी व्यापारियों द्वारा अपने दुकान में खुलेआम प्रयोग किया जाता है। नियमों की माने तो स्कूल परिसर से 100 मीटर दूरी में प्रतिबंधित तंबाकू और तंबाकू जनित पदार्थों के गोदाम के लिए भी विधालय के भवन को भाड़े पर दे दिया जाता है । स्कूल की पूरी सुरक्षा व्यवस्था निजी व्यापारियों के हाथ में दे दी गई है और इससे होने वाले आमदनी का किसी भी प्रकार का लेखा-जोखा सरकार को नहीं दिया जाता इसे नीचे से लेकर ऊपर तक के भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा आपस में बांट लिया जाता है, आप इससे अंदाजा लगा सकते हैं जब शहर के बीचो बीच होने वाले सरकारी विद्यालय का यह हाल है सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में विद्यालयों का प्रयोग किस लिए किया जाता है इस बात का अंदाजा आप स्वयं अंदाजा लगा सकते हैं। परंतु शिक्षा विभाग के बड़े और ईमानदार अधिकारियों को इसकी भनक रहने के बावजूद कार्रवाई का नहीं करना शिक्षा विभाग के लिए बड़ी उपलब्धि है
शायद अधिकारी यह दिखाना चाहते हैं कि विद्यालय का प्रयोग किन किन कामों में हो सकता है ।
आज के अंक में सिर्फ इतना अगले अंक में हम ” जिले में भ्रष्टाचार होता है पर दिखाई नहीं देता ” के अंतर्गत जिले में भ्रष्टाचार की एक नई कहानी आपको दिखाएंगे