गीतों के राजकुमार कहे जाने वाले कवि गोपाल सिंह ‘नेपाली’ की जयंती के अवसर जिले के साहित्यकारों और साहित्य प्रेमियों ने नगर के कविवर नेपाली पथ स्थित नेपाली स्मारक पर धूमधाम से मनाया । सर्वप्रथम स्थानीय साहित्यकारों एवं साहित्यप्रेमियों द्वारा प्रतिमा स्थल कि साफ-सफाई की गई एवं नेपाली जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया। उपस्थित साहित्यकारों ने नेपाली जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने उद्गार व्यक्त किये। उसके उपरान्त लोगों ने रचनाओं को पढ़ते हुये उन्हें याद कर, श्रद्धांजलि दी।
उनकी कालजयी रचनायें जोआज भी लोगों की जुबां पर रहती है उनमे प्रमुख है
अफसोस नहीं इसका हमको।
जीवन में हम कुछ कर न सकें।।
झोलियाँ किसी की भर न सके।
संताप किसी का हर न सकें।।
इस मौके पर उपस्थित साहित्य प्रेमियों मे मुख्य रूप से डॉ. परमेश्वर भक्त, प्रो. कमरुज्जमां कमर, सुरेश गुप्त, अरुण गोपाल, अखिलेश्वर मिश्र, ललन पाण्डेय लहरी, आभास झा ‘युवा’, जयकिशोर जय, जगत भूषण राज, डाॅ. दिवाकर राय, डाॅ. राजेश कुमार चंदेल, डाॅ. ज्ञानेश्वर गुंजन, डॉ. जगमोहन कुमार, ज्योति प्रकाश, पाण्डेय धर्मेन्द्र शर्मा के साथ-साथ
समाजसेवी सह साहित्यप्रेमी बिहारी लाल प्रसाद उर्फ लाल दरोगा महतो, अनिल कुमार, राम कुमार, पवन राज, महेन्द्र चौधरी आदि उपस्थित रहे।