जी हाँ क्रोना काल के पहले चरण मे स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई थी और स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस की कमी से जूझ रहा था ऐसे जटिल समय मे भी बेतिया इनर व्हील क्लब बेतिया की एम्बुलेंस जनसेवा मे कार्य नहीं कर रही थी बल्कि निजी सवारी गाड़ी के रूप मे डॉक्टर प्रमोद तिवारी के घर मे कार्य कर रही थी। संगठन का वो कौन सा लालच था जो की इस एम्बुलेंस को जनसेवा मे ना लगाकर निजी प्रयोग मे लगी रही ।