जनसुराज अधिवेशन में हिन्दू देवी देवताओं पर टिप्पणी साजिश या विचार

प्रशांत किशोर के प्रथम अधिवेशन में ही  हिन्दू देवी देवताओं पर टिप्पणी क्या है प्रशांत की तैयारी आखिर हेट स्पीच दिलवाकर क्या साबित करना चाहते है प्रशांत । आखिर जो व्यक्त्ति महीनों से घूम घूम कर जातिवाद से ऊपर उठकर लोगों को सोचने के लिये कह रहा था आखिर उसके मंच से किसी विशेष धर्म के ख़िलाफ़ ऐसी अशोभनीय बातें साजिश है या सोची समझी राजनीती यह समझाना बहुत मुश्किल है ।

कहीं ऐसा तो नहीं है की अपने ही अधिवेशन में ऐसे कटु वाक्यों से प्रशांत लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित करवाने में सफल रहे है। हालंकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की बहुत ही कम समय मे प्रशांत ने अपनी जमीन तैयार की है और लोगों का भरोसा पाया है। क्षेत्र की जनता प्रशांत को विकल्प के तौर में अपनाने को तैयार बैठी है, ऐसी स्थिति में उनके मंच से इस तरह की हेट स्पीच क्या प्रभाव डालती है यह तो भविष्य के गर्भ में है। परंतु अभी तक प्रशांत को मैंने जितना जाना है उस पैमाने पर ये माना जा सकता है कि भले ही हेट स्पीच उनके मंच से आयी है परंतु यह उनकी सोच नहीं हो सकती।

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