सिविल सर्जन की लापरवाही का नतीजा भुगत रही है जिले की जनता-जनप्रतिनिधि मौन

बेतिया जिले की जनता के स्वास्थ्य की देखरेख की जवाबदेही जिस अधिकारी हैं उनका नाम है वीरेंद्र कुमार चौधरी लेकिन अगर इनके क्रियाकलाप पर ध्यान दे तो ऐसा नजर आयेगा की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार के लिए इनके द्वारा उठाये गये कदम ऊँट के मुहँ में जीरा के समान है।

अगर सूत्रों की बातें को सही माने तो इनकी चिंता स्वास्थ्य की बेहतरी से ज्यादा अपने रिटायर्मेंट  की चिंता है।

अवैध स्वास्थ्य सेवा से क्या है रिश्ता सिविल सर्जन का ??

अवैध नर्सिंग होम संचालकों पर कार्यवाही का सिर्फ करते है दिखावा, जब जब होती है कोई मौत तब कार्यवाही की बात करने की बात कह कर हो जाते है चुप।अगर विभिन्न लोगों की बातों का करे विश्वास तो अवैध दवा दुकान, अवैध खून, यहाँ तक की अवैध बच्चो तक का व्यापार इनकी देखरेख में फैल रहा है, परन्तु सब कुछ इतना शातिर तरीके से है कि किसी को इनके तरीके की खबर नहीं है। परन्तु सभी अवैध स्वास्थ्य व्यापार का खुले आम चलना कहीं ना कहीं अधिकारीयों की मिलीभगत को दर्शाता है साथ ही साथ अगर आप वैध भी है परन्तु अधिकारियों से आपकी मिलीभगत नहीं है तो सिविल सर्जन तक आपको नहीं चलने देने के लिये जी जान लगा देंगे। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण सुप्रिया रोड में चलने वाले एक वैध नर्सिंग होम पर वीरेन्द्र कुमार चौधरी द्वारा की गई कार्यवाही है । जिसमे एक वैध डॉक्टर के OPD को बंद करने की जी जान से कोशिश की कई थी।

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