मीना बाजार त्रासदी हर बार आग से करोडों का नुकसान-कौन अधिकारी है दोषी
बेतिया जिले का ऐतिहासिक मीना बाजार जो कि हजारो लोगों के जीवन यापन का साधन या कहें कर्मस्थली है परन्तु प्रत्येक वर्ष इस बाजार को अनेकों बार आग की त्रासदी झेलनी पड़ती है इसका जिम्मेदार कौन है ? यह विषय बहुत शोचनीय है। हालाँकि त्रासदी का जिम्मेदार कोई एक नहीं है परन्तु वजहों का विश्लेषण करने पर कहीं ना कहीं इसका कारण अधिकारियों का चुप रहना है चाहे उनके चुप रहने का कोई भी कारण हो?
अगर अग्निशमन अधिकारियों द्वारा ईमानदारी पूर्वक इस बाजार की सुरक्षा वयवस्था का आकलन कर जरूरी उपाय किया जाता और बुझाने के बदले नहीं लगने के उपाय किये जाते भवनों के निर्माण के समय अग्निशमन अधिकारी ईमानदारी और नियमपूर्वक कार्यवाहियों को अंजाम दिया जाता और पारिस्थिति के अनुसार तैयारियों को किया जाता तो शायद नुकसान को कम से कम किया जा सकता था, परन्तु अधिकारियों द्वारा ना जाने किस वजह से इतने बड़े और पुरातन शॉपिंग काम्प्लेक्स की सुरक्षा के बारे मे किसी प्रकार की पुर्व तैयारी नहीं की थीं । इस सम्बंध में जब विभागीय अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जब भी ऐसी घटनायें हुई है हमारी पहली प्राथमिकता थी की हम आग को फैलने से रोके और हम इसमे सफल हुये है और जहाँ तक आग से बचाव और सुरक्षा के कारणों की तो इस संबंध में अधिकारियों से समय समय पर चर्चा होती रही है परन्तु इस संबंध में कोई ठोस उपाय नहीं हुये है।
दुसरी सबसे बड़ी बजह है समय के साथ-साथ मीना बाजार का अतिक्रमण बढ़ना,जिसके लिये सीधे तौर पर अंचलाधिकारी जिम्मेदार है चंद रुपये के लालच (हालाँकि इसके प्रमाण नहीं मिलते) में मीना बाजार में अवैध निर्माण को बिना सुरक्षा मानकों के निर्माण पर किसी प्रकार की कार्यवाहि को अंजाम नहीं देते और कभी अगर दबाब होता है तो कागजी खानापूर्ति कर अपने कर्तव्य की इति श्री कर लेते है। वर्तमान अंचलाधिकारी से जब इस सम्बंध में बात की जाती है तो वो लिखित आवेदन के इंतजार में बैठे नजर आते हैं। अभी चंद रोज पहले भी अवैध निर्माण पर बात की गई तो उन्होंने जाँच की बात कही लेकिन सूत्रों की बात का विश्वास करे तो वो जाँच ही करते रह गये और उनके ससुराल वालों ने एक बहुमंजिल दुकान बनवा लिया। हालाँकि हम विकास का विरोध नहीं करते लेकिन अगर इन दुकानों का निर्माण नियमों और सुरक्षा को देखकर किया जाता तो वह बेहतर होता परन्तु अंचलाधिकारी से लेकर अनुमंडलाधिकारी तक ना जाने किस लालच में आंखे बंद कर लेते हैं और इनकी लापरवाही का खामियाजा मीना बाजार के लोगों को भुगतान करना पड़ता हैं।
IMG-20200920-WA0011
IMG-20210814-WA0072
IMG-20240212-WA0323
IMG-20240212-WA0332
IMG-20240212-WA0331(1)
IMG-20240212-WA0327
global
Post Views: 204