बेतिया एमजेके कॉलेज परिसर का एक बड़ा हिस्सा सालों भर गंदे पानी में डूबा रहता है ये कैसा स्वच्छता अभियान है जिसमें जिले के सबसे बड़े शिक्षण संस्थान को गंदे पानी का हब बना दिया है यही कॉलेज के चारो ओर नाले को खुला छोड़ कर वास्तव में नगर निगम के अधिकारियों द्वारा किस तरह से सुंदर बनाने की कवायद की जा रही है यह सोच से परे है।
अगर देखा जाए तो वर्तमान नगर में स्वच्छता सर्वेक्षण चल रहा है और नगर निगम के अधिकारी और जनप्रतिनिधि जी जान से लगे हैं। फिर कैसे एमजेके कॉलेज परिसर उनके सामने नहीं आया जबकि इस कॉलेज से जिले भर के हजारों छात्रों का भविष्य बना है।
यदि प्राचार्य की बात का विश्वास करे तो इस संबंध में जिले के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक चर्चा की जा सकती है, लेकिन कोई नतीज़ा नहीं निकला है। उन्होंने तो इस एतिहासिक कॉलेज की अस्मिता को बचाने के लिए प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखा है पर नतीज़ा शून्य है।
इस जल जमाव की वजह से अब यह कॉलेज प्रशासन की समझ के बाहर है क्यूँकी नगर प्रशासन द्वारा जान बूझकर कॉलेज को शहर के नाले के जल का केंद्र बना दिया गया है और इसके सुधार की दिशा में इसके अधिकारी उदासीन हैं।