सुनने में बड़ा ही अजीब लगेगा परन्तु यह बिल्कुल सत्य है कि बेतिया में जैसी सड़क सर्किट हाउस, ऑफिसर कॉलोनी,समाहरणालय रोड, न्यू कॉलोनी जैसी साफ़ सुथरी और चिकनी सड़के ज्यादातर ऐसे क्षेत्रों मे है जिन क्षेत्रों मे अधिकतर बड़े अधिकारियों के निवास है। हालाँकि हम किसी पर आरोप नहीं लगा रहे परन्तु इन सड़कों के विपरित पुराना बस स्टैंड रोड, लाल बाजार, पानी टंकी रोड, आलोक भारती रोड, काली बाग रोड, कविवर नेपाली पथ, चर्च रोड संत टेरेसा रोड, कमलनाथ नगर, दरगाह मोहल्ला, नया बाजार, पुरानी गुदरी रोड, इंदिरा चौक हॉस्पिटल रोड शहीद चौक, तुरहा टोली काली बाग, भोला बाबु कॉलोनी राज देवड़ी कैम्पस, महिला कॉलेज, नाजनी चौक आदि सड़कों का ईमानदारी पूर्वक विश्लेषण किया जाय तो साफ़ साफ़ दिखाई देता है कि बेतिया नगर में सड़कों का निर्माण किस प्रकार किया गया है जैसी सड़के नगर के अधिकारियों के क्षेत्र मे बनाई गई है क्या आम जनता के लिये वैसी सड़कों का बनाना संभव नहीं है।
अधिकारियों की बात अगर छोड़ भी दी जाय तो जनता की सेवा के लिये चुनावों के समय में नज़रे आम होने वाले सैकड़ों ऐसे कर्मठ जुझारू जनता के सेवक समाजसेवी और ना जाने कितने विभूषण से सुशोभित लोकप्रिय और जनप्रिय लोगों द्वारा कभी भी इतने गंभीर मुद्दों पर जो कि वास्तविक रूप से आम जनता के हित मे उठाते हुये नज़र नहीं आये।
ऊपर हमने जिन सड़कों का जिक्र किया है मेरा जिले के सभी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से आग्रह है की अपनी अपनी गाड़ियों को छोड़कर आम इंसान की तरह एक बार जरूर इन सड़कों पर घूम ले जिससे आपको आम लोगों के दर्द का एहसास हो जायेगा। आपको बता दें कि जिन सड़कों की हमने चर्चा की है उनमें से कुछ सड़के तो ऐसी है कि अगर गरीब आदमी अगर बिना चप्पल के कुछ कदम भी नहीं चल सकता ।
अब विचार यह करना है कि क्या आज भी बेतिया की जनता राजतंत्र में जी रही है सोचना आपको है कि आप क्या चाहते है।
Ek dum sahi baat hai bhaiya.
Magar ye Jan neta sirf chunav ke time nazar aate Hain baki janta to hai hi khilona maatra