कोटा जो शिक्षा के हब के रूप मे जाना जाता है और यहाँ देश भर से बच्चे उच्च शिक्षा के लिए आते है और यहाँ अनेक नामी गिरामी शिक्षण संस्थाएँ है। इन शिक्षण संस्थानों मे बिहार के छात्रों की संख्या भी बहुतायत मे है। परन्तु इन दिनों कोटा एक और कारण से चर्चा मे है वो है ” छात्रों मे बढ़ती आत्महत्या “। आपको बता दे कि साल 2023 में अभी तक 28 छात्रों द्वारा आत्महत्या की जा चुकी है, सिर्फ अगस्त महीने में ही पांच छात्रों द्वारा आत्महत्या की गई है। सीएम अशाेक गहलाेत ने 19 अगस्त को खुद कोचिंग संचालकों की बैठक ली थी। इसमें राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया। इसके साथ ही प्रवेश से पहले छात्रों की काउंसलिंग अनिवार्य कर दी गई।
पिछले कुछ महीनों में परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों में से कई छात्रों ने आत्महत्या कर ली है। इसी को देखते हुये राजस्थान के प्रमुख शासन सचिव (शिक्षा) भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य स्तरीय समिति की बैठक हुई, बैठक में जिला परिषद के सीईओ, अतिरिक्त कलक्टर, पुलिस अधिकारी, मनोचिकित्सक एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। जिसमें ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई करने पर चर्चा की गई।
चर्चा के बाद जो फैसले लिए गए उनमें प्रमुख रही कि छात्रों के लिए मनोरंजक गतिविधियां आयोजित की जायेगी। साथ ही बुधवार को आधे समय के लिए ही कोचिंग कक्षाएं लगेंगी, बाकी समय मनोरंजक गतिविधियां होंगी। इसके साथ ही सचिव ने कोचिंग संचालकों से आत्महत्या रोकने के लिए उठाए गए उपायों के बारे में पूछा।
रविवार को दो छात्रों की आत्महत्या के बाद जिला कलेक्टर ने पहले ही घोषणा की थी कि आगामी दो महीने तक कोई परीक्षा नहीं होगी और आदेश का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस प्रशासन ने भी इस दिशा मे समाधान के लिये छात्र थाना खोलने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। एसपी शरद चौधरी ने एएसपी के साथ मिलकर इसे तैयार कराया। प्रस्ताव में कहा गया है कि छात्र थाने की निगरानी डीएसपी के हाथ में होगी। यह थाना पूरे शहर के कोचिंग छात्रों की समस्याओं पर गौर करेगा। मीना ने बताया कि पुलिस ने पांच साल के आंकड़ों के आधार पर यह फैसला लिया है।
आगामी दो सितंबर को राज्य स्तरीय समिति के सदस्य कोटा जाकर इस सम्बंध में अपनी राय कायम करेंगे।