जुआ बुराई है परंतु बेतिया के हर क्षेत्र मे चौक चौराहों पर इसका व्यापार खुले आम हो रहा है और क्या युवा क्या बड़े बूढे सभी इस बुरी लत से अपनी गाढ़ी कमाई बर्बाद कर रहे है ।परन्तु बेतिया पुलिस की कारवाई ऊंट के मुहँ मे जीरे के समान है। सालो भर खुले आम चलने वाले अवैध व्यापार पर साल मे एक से दो बार कारवाई होती है जो माना जाय तो सिर्फ दिखाने के लिये होती है। आखिर हर चौक चौराहे पर खुलेआम चलने वाले इस व्यापार पर पुलिस प्रशासन कोई कारवाई नहीं करना चाहता इसके पीछे की बड़ी वज़ह शायद सफेद पोश लोगों का संरक्षण है या ये बालू माफियाओं की तरह इतने ताक़तवर की पुलिस इनपर कारवाई करने से डरती है। वज़ह चाहे जो भी हो परन्तु गरीब तबके के लोग अपनी गाढ़ी कमाई इन धंधेबाजों के हवाले कर रहे है और प्रशासन आँख बंद कर सबकुछ देख रहा है।