जी हाँ सुनाने में भले ही अजीब लगेगा परन्तु यह सच है की अब अधिकारियो को निंद्रा से जगाने के लिए छोटे बच्चो ने पहल की है । बच्चो की मांग थी की उनका शेखटोली गांव से विद्यालय की दूरी करीब चार सौ मीटर है। सड़क खड़ंजा है और इस सड़क पर वहां के लोगों के घरों का गंदा पानी और शौचालय के पानी से भरा हुआ है। विद्यालय आने जाने का रास्ता नहीं बचा है और हमसब इसी गंदा पानी को पार कर विद्यालय जाते हैं। आए रोज इस सड़क पर फिसलन से कई छात्र गिर जाते हैं। हम सब बहुत परेशान हैं। कोई अधिकारी नहीं सुन रहा है,जिससे हमसब परेशान होकर गेट पर बैठकर धरना दे रहे हैं।
घटना लौरिया प्रखण्ड की है जहाँ के राजकीय प्राथमिक उर्दू विद्यालय शेखटोली सिसवनिया के बच्चों ने रास्ते की परेशानी से परेशान होकर लौरिया के प्रखण्ड कार्यालय पर धरना दिया । उनके इस धरने से समूचे प्रखण्ड कार्यालय मे अरफा तर्फी का माहौल हो गया । आपको बता दें की धरना देने वाले अधिकाँश बच्चों की उम्र मात्र छह से दस वर्ष की थी ।
बच्चों के धरने की सूचना मिलते ही वरीय उप समाहर्ता एस प्रतीक ने बीपीआरओ सोनाली गुप्ता को तुरंत ही विध्यालय की जाँच करने के लिए भेजा और धरना दे रहे बच्चों को समझा बुझाकर वापस विद्यालय भेजा। साथ ही पंचायत के मुखिया कन्हैया प्रसाद कुशवाहा और गांव के ग्रामीणों से जानकारी ली कि इसका किस तरह से समाधान किया जाए कि बच्चों को आवागमन में बाधा न पहुंचे ।