आखिर जिले मे मारवाड़ी(अग्रवाल)समाज के लोगों को नहीं मिल रहा जाति प्रमाण पत्र-जनप्रतिनिधि क्यूँ नही चाहते

       आखिर मे किस वजह से बेतिया मे मारवाड़ी समाज के लोगों को जाती प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा और इसके लिए प्रशासन और जनप्रतिनधि क्यूँ ?? नहीं करते प्रयास। आखिर क्या वजह है की मारवाड़ी समाज के जनप्रतिनिधि इस मुद्दे पर आवाज नहीं उठाते । हालाँकि सूत्रों की बात का विश्वास करे तो कुछ लोगों को ऐसे प्रमाण पत्र जारी किए गए है परंतु इसके पीछे सच्चाई क्या है। यह तो अधिकारी ही जानते है। इस संबंध मे जब प्रतिनिधियों से बात की गई तो जानिए प्रतिनिधियों ने क्या कहा । 

संजय जायसवाल-  सर्वप्रथम तो उन्होंने बताया की पिछले साल जब हमलोग हटे तब से इन्होंने(वर्तमान नीतीश सरकार) कह दिया की १९६० के पूर्व के कागजात के आधार पर निर्गत करना शुरू कर दिया । जबकि सच्चाई यह है की मारवाड़ी या अग्रवाल की नाम की जाती बिहार सरकार की सूची मे नहीं है । बाद मे उन्होंने कहा की अगर लिखित आवेदन मिला तो इस संबंध मे आवश्यक कारवाई की जाएगी ।

विधायक रेणु देवी – उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है, उन्होंने कहा की वो इस संबंध मे जिलाधिकारी से बात करेंगी ।

मोहित राज (अंचलाधिकारी बेतिया )- हमारे पास जो सूची है उसमे मारवाड़ी और अग्रवाल लिस्ट मे नहीं  है इसके लिये मै जिम्मेदार नहीं हूँ आप उच्च अधिकारी से बात करे । इस सवाल पर की क्या आपने किसी मारवाड़ी को जाती प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया है उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ कहने से इंकार कर दिया जबकि अग्रवाल समाज के कुछ लोगों को अग्रहरी वैश्य के नाम पर प्रमाण पत्र जारी करने की अपुष्ट सूचना है। उन्होंने यह भी कहा की इस संबंध मे उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लिया गया है परंतु किसी अधिकारी ने मार्गदर्शित नहीं किया की अग्रवाल सामज के लोगों को जाती प्रमाण पत्र कैसे दिया जाए । 

बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार – इन्हे पता ही नहीं की बिहार मे ऐसा भी कुछ हो रहा है । शायद वजह यह की सत्ता दल के मंत्री होने की वजह से इन्हे आम लोगों से मिलने का वक्त ही नहीं होता होगा ।

राजद जिलाध्यक्ष – उन्हे ऐसी जानकारी नहीं है इस संबंध मे वो अपने प्रदेश के अधिकारियों से बात करेंगे 

जदयू जिलाध्यक्ष – उन्होंने कहा की उन्हे इस बात की जानकारी नहीं है  वो अपने मंत्री से बात करेंगे।

रोहित सीकारिया  (युवा नेता ) – यह हमारे विभाग मे नहीं आता है ।  

                  हालाँकि मारवाड़ी समाज को जाती प्रमाण पत्र नहीं मिलना बड़े शर्म की बात है और ऐसा महसूस हो रही है की शायद किसी खास वजह से ऐसा ऐसा किया जा रहा है ।कोई भी अधिकारी और जनप्रतिनिधि निम्न वर्गीय मारवाड़ी जिसको इस प्रमाण पत्र से फायदा हो सकता है उसके बारे मे तनिक भी विचार करने को तैयार नहीं है। न ही राज्य सत्ता मे बैठे प्रतिनिधि हो या समाज के लिए बातें करने वाले लोग किसी को इस मुद्दे के समाधान के लिये  सोचने का वक्त नहीं है । कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा के पारंपरिक मतदाता होने की वज़ह से सत्ता पक्ष द्वारा ऐसा किया जा रहा हो और भाजपा नेताओ को ऐसा पता है कि मारवाड़ी की मजबूरी है उन्हें वोट देना इसीलिये मारवाड़ी के हित मे किसी पक्ष को काम करने की जरूरत नहीं है। 

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