अपहरण के एक महीने बाद मिला शव टैटू की वजह से हुईं पहचान

     गुरुवार देर शाम नरकटियागंज पंडई नदी में से प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक लाश बरामद हुई। जिसकी पहचान अपहृत सन्नी सिंह के रूप मे हुई है जो विगत 16 जनवरी से लापता था। लाश को बोरी में बंद कर फेका गया था।

        अपहरण के बाद से ही पुलिस लापता के खोज मे जुटी थी परन्तु उन्हें अब तक कोई सुराग नहीं मिला था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया है।

        मृतक का अपहरण 16 जनवरी को नरकटियागंज से हुआ था। परन्तु सन्नी के परिजनों ने शिकारपुर थाना में 19 जनवरी को एफआईआर दर्ज कराई गयी थी। सन्नी के पिता मनोज कुमार सिंह के अनुसार उनका बेटा लोकेश कुमार सिंह उर्फ सन्नी सिंह 16 जनवरी को सत्याग्रह ट्रेन से नरकटियागंज अपने भांजा के मुंडन में शामिल होने के लिए आया। जहाँ वह पांडेय टोला में रह रहे अपने दोस्त सुधीर पांडेय के घर गया था जहाँ पर उसकी मुलाकात जयमंगलापुर के रवि तिवारी, तरहरवा के सरताज आलम, पुरानी बाजार के छोटू कुमार, गोबरौरा के दंश कुमार से हुई। इस बात की जानकारी उसने उसी दिन शाम चार बजे फोन पर दी और उसने बताया कि वह अपने दोस्तों के साथ है और गोपाला ब्रह्मा स्थान में होने वाले अपने भांजे के मुंडन में शामिल होने जा रहा है। उसके बाद जब वह घर नहीं लौटा तब उनलोगों ने उसकी खोजबीन शुरू की परन्तु उसका मोबाइल बंद मिला। पूछताछ करने पर दोस्तों से संतोष जनक जवाब नहीं मिला तो सनी के पिता ने दोस्तों पर ही अपहरण की आशंका जताते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। चार फरवरी को ही उसका मोबाइल भी मिला था परन्तु पुलिस कोई ठोस सुराग नहीं खोज पाई।

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