*जिले के अधिकारियों की कृपा से मीना बाजार अतिक्रमणकारियों के चंगुल में*
बेतिया का ऐतिहासिक मीना बाजार अपने अस्तित्व को खोता जा रहा है अपने निर्माण के समय पूर्णतः व्यवस्थित बाज़ार आज अधिकारियो की लापरवाही या कहे निजी फायदे, आज पूरी तरह नारकीय रूप में तब्दील हो चुका है कभी अतिसुन्दर दिखने वाला मीना बाजार आज पैदल चलने में भी परेशानी पैदा कर रहा है, परंतु अधिकारीयो द्वारा आज भी अपने निजी फायदे के लिए अवैध निर्माण को बढ़ावा देकर ऐतिहासिक बाज़ार के सुंदरता ( हालांकि अब इसकी सुंदरता बची नही है) को खराब कर रहे है अगर सूत्रों की खबर को माने तो अधिकारियो की कृपा से अतिरिक्त दुकाने बनवा कर किरायेदारों की संख्या दुगुनी से भी ज्यादा कर दी गयी है । अभी नए अंचलाधिकारी के आने के बाद पुनः निर्माण चालू है अगर जिम्मेदार अधिकारियो से बात की जाय तो वो नोटिश किया गया है जांच की जा रही है ऐसे बहाने बनाते रहते है और ऐसा प्रतीत होता है सवाल कएने वाला पत्रकार ही दोषी है जब तक ये नोटिस करते है और जांच होगी तब तक दुकान का निर्माण हो चुका है और जांच खत्म अधिकारियो द्वारा सैकड़ो ऐसी दुकाने बनवा दी गयी है । इस तरह के निर्माण पर आंखे बंद कर लेने वाले अधिकारियो की आंखे बंद होने की क्या वजह है यह आसानी से समझा जा सकता है। अधिकारियों की कारस्तानी का नतीजा बरसात के दिनों में आम लोगो को भुगतना पड़ता है क्योंकि अपने निजी फायदे के लिए नालो तक का रास्ता अवैध अतिक्रमणकारियों के हत्थे चढ़ गया है।