पहली किश्त के लिए पाँच साल से भटक रहें लोगों का दोषी कौन

              बेतिया में वर्ष 2018-19 में  “सबके लिए आवास ” योजना के लाभुकों की जांच और कार्यादेश के बाद भी पहली किश्त के लिए 5 साल से भटक रहे 139 शहरी गरीब परिवारो का दोषी कौन ?? महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने व्यथित होकर कहा कि एक सामान्य गृहणी को रिकार्ड मतों से महापौर बनाने वाले अपने मतदाता मालिक की तरह मैं स्वयं भी खुद को आज बेहद लाचार पा रही हूं।

बुधवार को “सबके लिए आवास ” योजना के आयोजित शिविर में उपस्थित महापौर ने स्वयं अपने नगर निगम कार्यालय की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि योजना का लाभ मुहैया कराने में हमारा नगर निगम कार्यालय विफल रहा है।

महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने सरकार और विभाग की उच्च प्राथमिकताओं में शामिल “सबके लिए आवास ” योजना में नगर निगम की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल सवाल उठाया है। उन्होंने बताया कि उनके पिछले कार्यकाल में हजारों आवेदक में से 905 परिवारों का चयन “सबके लिए आवास योजना” का लाभ दिलाने के लिए किया था। जिनमें से 574 शहरी गरीब परिवारों के दावा और अनुशंसा को सही पाकर इनको लाभ मुहैया कराने की स्वीकृति वर्षो पहले ही मिल गईगई जिसमें से 139 चयनित परिवारों को सरकारी कार्यादेश जारी हो जाने के बाद भी उन परिवारों को योजना का लाभ मुहैया कराने में हमारा नगर निगम कार्यालय विफल रहा है।

                      बुधवार को इन चयनित परिवारों के अभिलेखों की जाँच के लिये दुबारा आयोजित जांच शिविर में शामिल कर्मचारियों द्वारा चयनित कुछ आवेदकों की संचिका में इनके भू स्वामित्व का कंप्यूटराइज एलपीसी और पारिवारिक बंटवारा का मान्य कागजात सही से उपलब्ध नहीं होने से इनको लाभ मुहैया कराने में समस्या की बात बताई गयी।

                     जबकि वार्ड -2 की शांति देवी और भोला यादव, वार्ड 5 की सोना देवी, वार्ड- 12 कृष्ण मोहन मिश्र, वार्ड 15 की रेखा देवी, वार्ड 31 की पासपति देवी आदि दर्जनों लोगों से बातचीत से पता चला कि उन्हें यह सब जानकारी अब तक नहीं दी गई थी, जबकि उनकी के साथ कार्यादेश पाए चार सौ से भी ज्यादा परिवारों को दूसरा से लेकर तीसरा किश्त तक मिल गया है।

                  महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने अपने पीड़ित जनता जनार्दन की बातों से व्यथित होकर महापौर श्रीमती सिकारिया कहा कि एक सामान्य गृहणी को रिकार्ड मतों से महापौर बनाने वाले अपने मतदाता मालिक की तरह मैं स्वयं भी खुद को आज बेहद लाचार पा रही हूं। क्योंकि नगर निगम ऐसी समस्याओं में कम रूचि ले रहा है। वही शिकायत पर कार्रवाई और सही से जांच लंबित है। महापौर ने बताया कि ऐसी स्थिति के बीच देरी होने से सबके लिए आवास योजना मद का दो करोड़ से ज्यादा का आवंटन वापस ले लिया गया है। और आगे भी इसी मद में प्राप्त करोड़ों के अन्य आवंटन के भी लेप्स हो जाने की बात बताई जा रही है।

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