पश्चिम चम्पारण के मठिया पुरैनिया हरसरी के निवासी रंजीत मिश्र की बातो का विश्वास करें तो बिगत पैक्स चुनावों मे निर्वाचन विभाग की लापरवाही का नतीजा यह रहा की मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिये मुर्दे भी आकर वोट दे दिये। निर्वाचन अधिकारियो की इस लापरवाही ने पुरे पैक्स चुनावों की विश्वनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया है।
इसी मामले मे सुनील दुबे की रिपोर्ट :-
ऐसा सुना जाता हैं कि, पहले के जमाने में तपस्वी, ऋषि मुनि एवं कुछ चक्रवर्ती महाराज धरती से सीढ़ी लगाकर स्वर्ग घूमने चले जाते थे, अब तो इस आधुनिक काल में स्वर्गवासी सीढ़ी लगाकर धरती पर उतर जा रहे हैं और लोकतंत्र के महापर्व (चुनाव) में अपनी हिस्सेदारी ही नहीं जिम्मेवारी भी निभाकर फिर से उसी सीढ़ी से वापस स्वर्गलोक चले जाते है और पुनः अपना वहां स्थान ग्रहण कर लेते हैं.जिसका उदाहरण बना हैं, नरकटियागंज प्रखंड के ग्राम मठिया पुरैनिया हरसरी।
सन्दर्भ :– पंचायत पुरैनिया हरसरी का पैक्स चुनाव (2024)। ग्राम मठिया पुरैनिया हरसरी के निवासी रंजीत मिश्र ने बिहार राज्य चुनाव प्राधिकार के सचिव को पत्र लिख कर जानकारी दिया हैं कि उपर वर्णित पंचायत पैक्स चुनाव में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई हैं। जिसमें अध्यक्ष पद के विजेता उमीदवार की मिलीभगत रही हैं। आरोपकर्ता श्री मिश्र ने शिकायत पत्र में बताया हैं कि, मतदाता क्रम संख्या 871एवं 1008 क्रमशः बद्री नाथ मिश्र एवं द्रौपदी देवी (दोनों पति पत्नि) स्वर्ग सिधार चुके हैं और इन दोनों व्यक्तियों के नाम का वोटिंग हुआ हैं। इसी प्रकार मतदाता सूची संख्या 506 पर भूषण मिश्र का नाम है, जो दिवंगत हो चुके हैं, उनका भी वोट कास्ट हुआ हैं। जबकि किसी भी चुनाव के पूर्व जांच की जाती हैं तथा मृत व्यक्तियों का नाम मतदाता सूची से डीलिट विभागीय स्तर से किया जाता हैं या नहीं। लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया और मृत मतदाताओं ने मतदान भी किया।
आरोपकर्ता ने गड़बड़ी का कुछ और भी नजीर प्रस्तुत करते हुए बताया हैं कि, मतदाता सूची संख्या 1021एवं 1086 पर क्रमश गुड़िया कुमारी एवं बेबी कुमारी अध्यक्ष विजेंद्र मिश्र की पुत्रियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी हैं और उनके नाम से मठिया पुरैनिया हरसरी में किसी भी प्रकार की संपति नहीं है l दोनों ही सरकारी विद्यालयों में शिक्षिका के पद दूसरे जगह पर कार्यरत हैं और उन्हें यहां के पैक्स का सदस्य बनाया गया हैं। आवेदक रंजीत मिश्र ने प्राधिकार को बताया हैं कि मतदाता सूची संख्या 147 एवं 1204 राहुल मिश्रा पिता विजेंद्र मिश्र हैं , जो एक ही व्यक्ति हैं और दोनों ही क्रमांको का मतदान हुआ हैं। आरोप पत्र में यह भी खुलासा किया गया हैं कि, यह वहीं विजेंद मिश्रा हैं जो अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए हैं। एक खुलासा यह भी किया गया हैं कि, मतदाता सूची संख्या 1061 राज मिश्र एवं मतदाता सूची संख्या 1050 विवेक रंजन मिश्र पैक्स अध्यक्ष के पुत्र एवं भतीजा हैं। और यही नहीं ये दोनों ही अपने गांव पंचायत को कौन कहे बिहार में भी नहीं रहते हैं। दोनों के दोनों बिहार से बाहर इंजिनियर के पद पर कार्यरत हैं। इन दोनों को पैक्स का सदस्य बनाया गया हैं।
अपने आरोपों मे रंजीत मिश्र ने अधिकारियो पर गंभीर आरोप लगाते हुए खुलासा किया कि आज के दौर में भी आंख मूंद कर मतदाता सूची तैयार किया गया हैं। जिनका उम्र 18 वर्ष से कम है उन्हें भी मतदाता बना दिया गया हैं, जैसे मतदात क्रम संख्या 1608 हर्षित मिश्रा, मतदाता क्रम संख्या 1588 पलक कुमारी , मतदाता क्रम संख्या 1567 पूजा कुमारी। ये सभी के सभी विजेता उमीदवार के परिवार के भी हैं।
सारांश:- गलती किसी की भी हो पर कहीं ना कही ये बात साबित होती है कोई ना कोई तो ठोस वजह रही होंगी जिसकी वजह से चुनावी अधिकारियो ने इतनी बड़ी गलती को नजरअंदाज कर चुनावों की विश्वनीयता पर प्रश्नचिन्ह लगा दीया।

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