बेतिया नगर निगम क्षेत्र मेंअवैध पार्किंग का धंधा बेखौफ चल रहा हैं, जिससे नगर निगम को लाखों के राजस्व की क्षति हो रही है और नगर प्रशासन चैन की वंशी बजा रहा है।
बेतिया नगर निगम क्षेत्र में कई स्थानों पर अवैध रूप से पार्किंग चलाई जा रही है और इस पार्किंग से होने वाली आमदनी का कोई भी हिस्सा नगर निगम को आधिकारिक रूप से नहीं मिल रहा है। आखिर क्या वजह है कि सालों से चल रहे इस अवैध पार्किंग पर नगर आयुक्त और महापौर दोनों ही चुप्पी साधे हुए है?
वैसे बेतिया के विकास के लिए महापौर एवं निगम आयुक्त अपने को कटिबद्ध बताते हैं, लेकिन नगर निगम क्षेत्र में अवैध पार्किंग के मामले में दोनों की चुप्पी हैं जो इनके उपर इस विषय पर सवालिया निशान लगा रहा हैं। इस सन्दर्भ में जब नगर आयुक्त से पूछा गया तो वे कार्यालय में आकर बात करने की कह कर टाल गए। अब सवाल उठता हैं कि बहुत से ऐसे निजि प्रतिष्ठान व अन्य हैं जो नगर निगम के बगैर अनुमति /एनओसी के बेखौफ हो कर अपना सशुल्क पार्किंग चला रहे हैं और साथ ही जिस भी प्रकार का उनका व्यवसाय हैं, वह तो चल ही रहा हैं। प्रश्न अब यह उठता हैं कि निगम के ओहदेदार एवं निगम प्रशासन आखिर में उन निजि पार्किंग व्यवसाय चलाने वालों के प्रति इतनी रहमदील क्यों हैं? जनता के विकास के लिए निगम के विकास मद में आने वाली राजस्व के प्रति वे उदासीन क्यों हैं? सम्भावनाओं के आधार पर यह संदेह तो कोई भी कर सकता हैं कि जिसकी भी मिलीभगत हो उसके आर्थिक लाभ में निगम का आर्थिक नुकसान हो रहा हैं, जो एक गंभीर विषय हैं, इसकी सम्यक जांच होनी चाहिए।
जय हो