लंबित वादो को वापस नहीं लेने पर आरोपियों ने घर में लगायी आग जिससे लाखों का नुकसान हुआ। पीड़िता ने आरोप लगाया की थाने को सुचना के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके बाद उन्हें न्यायालय की शरण मे आना पड़ा। जबकी थाना प्रभारी ने बताया की मामला जमीनी विवाद से जुडा है और मामले की जाँच की जाँच की जा रही है।
दायर आरोप वाद के आधार पर सुनील दुबे की रिपोर्ट
बैरिया थाना क्षेत्र के तधवा नंदपुर कान्ही टोला निवासी राजेश प्रसाद की पत्नी उषा देवी अपने पति के अरुणाचल प्रदेश में रोजी रोटी के लिए रहने के कारण घर के खेती बारी से लेकर अन्य कारोबार को खुद से करती व कराती हैं, जो उनके विरोधियों को रास नहीं आता हैं। उसी गांव के कुछ कतिपय लोग उन्हें परेशान करते हैं तथा उनकी संपति को हड़पने की भी साजिश करते हैं। इस संदर्भ में यह उल्लेखनीय हैं कि पूर्व में उषा देवी के पति ने उनलोगों के विरुद्ध जिले के न्यायलय में फौजदारी एवं दीवानी मुकदमा दायर किये हुए हैं, जो सुनवाईधीन हैं। इसी बीच वैसे लोग जो राजेश प्रसाद एवं उनकी पत्नी उषा देवी के विरोधी हैं, उनसे द्वेष भाव रखते हैं, धन संपति को छति पहुंचना चाहते हैं तथा राजेश प्रसाद द्वारा दायर किये गये वाद को वापस लेने के लिए भय और दबाव देते हैं। इसी उद्देश्य से आरोपियों ने 25 मार्च को लगभग आधी रात को करकट सेड के घर में आग लगा दिया। जिसमें उनके स्टाफ हैदर अली सोये हुए थे धुआं से जब घर भर गया तो उनकी नींद टूटी वे घर से बाहर आये तो देखे कि राकेश पटेल किराशन तेल का गेलन लेकर खडे हैं।
उल्लेखित बातों को दर्शाते हुए उषा देवी ने मुख्य नय्यायिक दंडाधिकारी के नयालय में परिवाद पत्र दायर किया हैं। जिसमें उपर वर्णित आरोपों को सविस्तार से उल्लेखित किया हैं। इस मामले में उन्होंने प्यारेलाल पटेल, वकील प्रसाद,राकेश पटेल सहित दस ब्यक्तियों को आरोपी बनया हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि संबंधित थाना में घटना की सूचना दी गयी थी, लेकिन कार्यवाही नहीं होने की स्थिति में वे न्यायालय की शरण में आयी हैं।