पंताजली योग समिति के जिला प्रभारी ने बताया की योग और यज्ञ सार्वभौमिक है, योग जहां हमें रोगों से मुक्त कर स्वयं से जोड़ता है वैसे ही यज्ञ भी हमें प्रकृति से जोड़ता है।
सृष्टि के अनेकों उपकार हम पर है और हमारे सभी कार्य यज्ञ से संपन्न हो सकते हैं यदि हम योग करें एवं यज्ञ करें तो सृष्टि के अनेकों उपकार लेकर यज्ञ के माध्यम से हम अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं उक्त बातें पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी पवन कुमार ने आचार्य बालकृष्ण जी के पावन जयंती पर आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेद शिविर के समापन जो कि बेतिया मनुवापुल सियारोंसती में नगर सोसाइटी परिसर में कहा। प्रभारी पवन ने कहा है कि यज्ञ भारतीय संस्कृति हमारे ऋषि-मुनियों की परंपरा का प्रतीक है संस्कारों की पावनी संस्कृति में सभी संस्कारों में यज्ञ किया जाता है। हमारे सारे कार्य यज्ञ से ही संपन्न होते हैं परमात्मा स्वयं यज्ञ रूप जगत में है यह सभी सृष्टि यज्ञ इस विश्व को बंधुत्व की भावना में बांधकर रख सकता है यज्ञ में प्राण यज्ञ ही प्राण है इस सृष्टि के प्रत्येक व्यक्ति को कम से कम सप्ताह में एक दिन अवश्य यज्ञ करना चाहिए जिससे हमारे मन की शांति बनी रहे और वातावरण भी शुद्ध होता रहे । वहीं पतंजलि शिक्षक प्रकोष्ठ के जिला प्रभारी जगदेव प्रसाद व भारत स्वाभिमान के सह जिला प्रभारी मानव भारती ने कार्यक्रम का संचालन किया । कार्यक्रम के आयोजक व परिसर संचालक तरुण गुप्ता व अरविन्द कुमार द्वारा आयोजित यज्ञ-हवन में लोगों नें अपने तथा समाज के कल्याण के लिए अहुति दी तथा पतंजलि के शिक्षक पवन कुमार, जगदेव प्रसाद व मानव भारती को अंग वस्त्र से सम्मानित किया।