क्या मानव व्यापार करने वाले फर्जी डॉक्टर को बचाने में लगी स्वास्थ्य विभाग की टीम 

आखिर क्यूँ मानव व्यापार करने वाले फर्जी डॉक्टर को बचाने में लगी स्वास्थ्य विभाग की टीम

बेतिया जिले मे मानव व्यापार का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा उस पर उचित कारवाई का सिर्फ दिखावा करने वाली विभागीय टीम ने आखिर चंगुल में फंसे उस फर्जी डॉक्टर को क्यूँ भाग जाने का मौका दिया क्या इसके पीछे विभाग की मिली भगत थीं।

                  जैसा कि जाँच में गये डॉक्टरों की टीम ने अपने रिपोर्ट दी है उसके अनुसार सामने बैठे उस फर्जी डॉक्टर को छोड़ कर पूरी टीम उसके ऊपरी तल बने एक रूम में चली गई यह तर्क बेहद ही हास्यप्रद है। ऐसा तभी हो सकता है जब जब टीम का उस फर्जी व्यक्ती पर पूरा विश्वास हो अन्यथा जाँच में गये डॉक्टर इतने भोले नहीं है की कोई उन्हें इतनी आसानी से बेवकूफ़ बना जाये।

                     जाँच टीम के मिलीभगत होने की आशंका इसीलिए भी प्रबल हो जाती है कि डॉक्टरों ने अपनी रिपोर्ट में जाँच की मुख्य वजह मानव व्यापार को सीधे तौर पर नकारने का प्रयास किया है । अब कोई भी इंसान इस बात को कैसे नकार सकता है जब तक अपराधी से उसकी पूछताछ ना हुई हो।

                  आखिर उस क्लिनिक को सील करने में की गई देरी की वजह क्या थी सबूत के तौर पर सारे मेडिकल सामग्री को हटाने क्यूँ दिया गया ऐसे ही कई और भी सवाल है जो इस जाँच टीम को शक के दायरे मे लाते है और इस ओर इशारा करती है कि जाँच टीम ने इस फर्जी मानव व्यापार करने वाले डाक्टर को बचाने की भरपुर कोशिश की है।

 

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