दो महीने बीतने के बाद भी उपमहापौर के आदेश का अनुपालन नहीं

बेतिया के नागरिकों के हित मे उपमहापौर के फैसले का असर क्यूँ नहीं दिखाई देता आखिर  उनके पत्र के बावजूद वो कौन सी वजह है जो इस आदेश का अनुपालन कराने से अधिकारियों को रोक रही है।

            बेतिया नगर निगम क्षेत्र मे नगर निगम द्वारा अपने क्षेत्र मे नागरिकों से विभिन्न मदों में करो की वसूली हेतु अनेक संवेदक नियुक्त किये गये है और अक्सर शिकायत आती है कि संवेदक द्वारा तय रकम से ज्यादा की वसूली की जाती है।इन्हीं शिकायतों को दूर करने के लिये नगर निगम ने संवेदक के साथ ये शर्त लगा रखी है की प्रत्येक वसूली वाली जगहों पर संवेदक सूचना पट्ट पर वसूली की रकम का प्रदर्शन करेंगे ताकि आम जनता को वास्तविक दर पता हो और अवैध वसूली पर लगाम लगाया जा सके। परंतु किसी भी संवेदक द्वारा शायद ही ऐसा किया गया है और नगर निगम के अधिकारी इन बिंदुओं पर अपनी आंखें बंद कर लेते हैं।

                    परंतु जैसे ही उपमहापौर गायत्री देवी के संज्ञान में ऐसा मामला आया तो उन्होंने इस संबंध में 4 फरवरी को नगर आयुक्त के नाम से एक पत्र जारी कर इस नियम का कड़ाई से पालन कराने की बात कही। परंतु उपमहापौर की बातों का भी असर होता दिख नहीं रहा और दो महीने से ज्यादा बीत जाने पर भी अधिकांश जगहों पर स्थिति जस की तस बनी हुई है । कहीं भी संवेदको द्वारा दर सूची का प्रदर्शन नहीं किया गया है । हो सकता है कि संवेदक द्वारा निश्चित से ज्यादा की रकम वसूली जा रही है इसी कारण वास्तविक दर का प्रदर्शन नहीं किया जा रहा। अब इस बात का अंदाजा आप आसानी से लगा सकते हैं कि जब उपमहापौर के आदेश के 2 महीने बीत जाने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी जनता के हित के फैसले अनुपालन कराने में सक्षम नहीं है तो इसकी मुख्य वजह क्या है , कहीं इसके पीछे संवेदको और अधिकारियों की सांठगांठ तो नहीं है।

 

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