लालूराज अपराधियों का तो नीतीश राज अधिकारीयों का जंगलराज

      ”   बिहार मे लोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार को चुनौती देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के किसी भी गांव में बिना सुरक्षा पैदल चलकर दिखा दीजिए, आपको जमीन पर रह रहे लोगों के अंदर का गुस्सा समझ आ जाएगा। उन्होंने लालूराज को अपराधियों का जंगलराज तो नीतीश शासन को अधिकारीयों का जंगलराज बताया “

अपनी पदयात्रा के दौरान पिछले डेढ़ वर्षो से प्रशांत किशोर सभी राजनीतिक दलों पर आरोप लगाते रहते हैं। ताजा मामले में प्रशांत ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोरदार सियासी हमला बोलते हुए कहा कि आज स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके शासनकाल के लिए लोग अपशब्दों का प्रयोग कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने दावा करते हुए कहा कि नीतीश कुमार बिहार के किसी गांव में बिना सुरक्षा और सरकारी अमला के पैदल नहीं चल सकते।

            आज बिहार में अफसरशाही, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। बिना पैसा दिए एक काम नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अगर लालू प्रसाद का शासनकाल ‘अपराधियों का जंगलराज’ था तो नीतीश कुमार का शासनकाल ‘अधिकारियों का जंगलराज’ है। बिहार की बदहाली का जिक्र करते हुए बताया कि जिन गांवों और पंचायतों में जाने का मौका मिला है, वहां पलायन की समस्या बहुत बड़ी है। गांवों में 60 प्रतिशत तक नवयुवक नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल की सबसे बड़ी नाकामी है बिहार में शिक्षा व्यवस्था का ध्वस्त हो जाना। बिहार में भूमिहीनों की समस्या का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में गरीबी और बेरोजगारी का सबसे बड़ा कारण है बड़ी संख्या में भूमिहीनों का होना। आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 58 फीसदी लोग भूमिहीन हैं जबकि देश में भूमिहीनों की संख्या 38 प्रतिशत है।

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